राष्‍ट्रीय

हाईवे और एक्स्प्रेसवे में क्या है अंतर? जानें वाहनों की स्पीड लिमिट और टोल टैक्स के बारे में

Highway and Expressway: आजकल की तेज़ी से बदलती दुनिया में, आवागमन पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है, और इसका मुख्य कारण हमारे सड़क नेटवर्क का सुधार है। हाईवे और एक्सप्रेस-वे जैसी आधुनिक सड़कों ने यात्रा को बहुत तेज़ और सुविधाजनक बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाईवे और एक्सप्रेस-वे में क्या अंतर होता है? अगर नहीं, तो आइए जानें:

हाईवे आम तौर पर 2 से 4 लेन की चौड़ी सड़कें होती हैं। इन सड़कों का निर्माण आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरों को जोड़ने के लिए किया जाता है। इन पर यात्रा की गति की सीमा होती है और ये ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुजर सकती हैं।

एक्सप्रेस-वे में 6 से 8 लेन हो सकती हैं और ये सड़कें मुख्य रूप से तेज़ गति से यात्रा करने वाली गाड़ियों के लिए बनाई जाती हैं। ये अधिक ऊंचाई पर बनी होती हैं, ताकि यातायात आसानी से चल सके और किसी भी रुकावट से बचा जा सके। एक्सप्रेस-वे को ऐसी सड़कों के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जहां गाड़ियों को तेज़ गति से चलाने की पूरी सुविधा हो।

इतनी होती है स्पीड लिमिट

हाईवे पर गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा आमतौर पर 80-100 किमी/घंटा होती है। यह गति सीमा इस बात पर निर्भर करती है कि हाईवे किस तरह के इलाके से होकर गुजर रहा है।

Bangalore Stampede: भगदड़ के पीछे कौन? RCB के मार्केटिंग हेड की गिरफ्तारी ने खोले कई राज, अब पुलिस की पकड़ में चार चेहरे
Bangalore Stampede: भगदड़ के पीछे कौन? RCB के मार्केटिंग हेड की गिरफ्तारी ने खोले कई राज, अब पुलिस की पकड़ में चार चेहरे

एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा 120 किमी/घंटा हो सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि एक्सप्रेस-वे को तेज़ गति से चलने वाली गाड़ियों के लिए डिज़ाइन किया गया है और यहां यात्रा में रुकावटें कम होती हैं।

हाईवे पर गाड़ियों का प्रवेश और निकासी किसी भी स्थान से हो सकता है। यह आमतौर पर शहरों या छोटे गांवों से होकर गुजरता है, जिससे रास्ते में कई मोड़ और चौराहे हो सकते हैं।

एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश और निकासी के लिए विशेष एंट्रेंस और एग्जिट रैम्प बनाए जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि यातायात तेज़ी से चल सके और बिना रुकावट के गाड़ियों की आवाजाही होती रहे।

इतना लगता है टोल टैक्स

हाईवे पर यात्रा करने के लिए कम टोल टैक्स लिया जाता है। यह इसलिए क्योंकि हाईवे पर यात्रा की गति और आरामदायक सुविधाएं एक्सप्रेस-वे जितनी नहीं होती हैं।

हिमालय की ऊंचाइयों को छूने निकली Aditi Mishra की सेना टीम! दिल्ली से लिपुलेख तक बाइक पर निकलीं ये बहादुर महिला
हिमालय की ऊंचाइयों को छूने निकली Aditi Mishra की सेना टीम! दिल्ली से लिपुलेख तक बाइक पर निकलीं ये बहादुर महिला

एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करने के लिए ज्यादा टोल टैक्स लिया जाता है क्योंकि यह एक बेहतर और तेज़ यात्रा अनुभव प्रदान करता है। एक्सप्रेस-वे को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि यहां पर यात्रा की गति तेज़ हो सके, और यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सड़क सुविधाएं मिलें।

देश में नेशनल हाईवे NH44 को सबसे लंबा हाईवे माना जाता है, जो 3745 किलोमीटर लंबा है और श्रीनगर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है।

एक्सप्रेस-वे की लंबाई अब लगभग 4000 किमी है, और यह मुख्य रूप से बड़े शहरों और विभिन्न राज्यों को जोड़ने के लिए बनाई जा रही हैं।

Back to top button